मनमोहक कहानी

दिखावा और घमंड हमे हमेशा दूर रखने चाहिए क्योकि यह इंसान की पहचान को भी खत्म कर देते है हमे यह बात भी याद रखनी होगी की सही पहचान तो वह है जिसमे हम दुसरो की मदद करते है और लोग हमे अच्छे इंसान की और देखे, अगर हम ऐसा नहीं करते है तो हम इंसान होने का कौनसा फर्ज निभा रहे है, आप खुद ही सोचिये, 

मनमोहक कहानी
manmohak kahani

मनमोहक कहानी 

एक गांव में उत्सव मनाया जा रहा था, सभी लोग उत्सव में गए हुए थे, क्योकि यह एक तरह का ऐसा उत्सव था जिसमे गांव के लोग भाग लिया करते थे, यह सालभर में एक ही बार लगाया जाता था, इसमें दूसरे गांव से भी लोग यहां पर आते थे, यह कुछ गावो को मिलकर ही मनाया जाता था, और यह लगभग एक महीना तक ऐसे ही चलता रहता था,

उसी गांव में एक परिवार रहता था, उस परिवार में माता-पिता और एक उनका लड़का रहता था, वह परिवार बहुत ही गरीब था, कभ-कभी ऐसा होता था की उन्हें सिर्फ एक दिन में एक ही बार भोजन मिलता था, उनके लिए उस उत्सव में जाना तो बेकार ही था, जब भूख लगती है और कुछ भी खाने को नहीं मिलता है तो कोई भी उत्सव हो उसका महत्व नहीं रहता है,

उस पुरे गांव में वही एक परिवार था जिसके पास धन की बहुत अधिक कमी थी, और वह कमी शायद पूरी नहीं होने वाली थी, वह परिवार अब बैठा हुआ बात कर रहा था की इस तरह हमारा जीवन कैसे चलेगा, शाम हो चुकी थी, तभी दरवाजे पर एक महात्मा आये, उनके माथे पर तेज था, उन्हें देखकर उन्हें बहुत अच्छा महसूस हो रहा था,

तभी अंदर से उनका लड़का आया और पूछा की महाराज आप यहां पर कैसे आये है, तभी महाराज जी बोले की में तो तुम्हे बहुत अच्छी तरह जानता हु, लेकिन लड़का उन्हें पहचान नहीं पा रहा था, तभी लड़के ने अपनी पिताजी को बुलाया और कहा की बहार एक महात्मा आये है, आप उन्हें जानते है, क्या,

क्योकि में तो उन्हें नहीं पहचान पाया हु, तभी पिताजी उन्हें देखने के लिए बहार आये और वह भी उन्हें नहीं पहचान पा रहे थे, लेकिन जैसे ही महात्मा ने उन्हें कुछ और परिचय दिए तो वह समझ तो नहीं पाए थे लेकिन जब वह इतना जानते है तो हो सकता है की वह हमे भी जानते हो, इस तरह उनका स्वागत किया गया और वह घर में आ गए थे,   

घर के हालात अच्छे नहीं थे, और एक मेहमान भी आ गए थे, उन्हें यह भी नहीं पता था की अब क्या होगा तभी महत्मा बोले की हम यहां से गुज़र रहे थे तभी तुम्हारी याद आयी और हमे लगा की तुमसे मिले भी बहुत साल हो गए है, तभी हमने विचार बनाया की मिलकर ही चला जाए, तभी लड़के की माता ने कहा की कुछ खाने की तयारी करनी चाहिए,

वह महमान भी भूखे होंगे उन्हें भी कुछ खाने को देना चाहिए, लेकिन हमारे पास तो कुछ भी खाने को नहीं है, लड़के ने कहा की हमे कुछ तो करना ही होगा तभी बड़ी मुश्किल से एक आदमी का ही भोजन बन सकता था, उन्होंने ने ऐसा ही किया था, जब भोजन बन चुका तो माता ने अपने लड़के को बुलाया और कहा की महात्मा को बुला ल

वह भोजन कर लेंगे तभी खाना लग चुका था, महात्मा ने कहा की आप सब भी भोजन कर ले, उन्होंने ने कहा की आप पहले कीजिये तभी हम सब कर लेंगे पहले तो मेहमान को खाना चाहिए, जब भोजन मेहमान को भोजन हो चुका तो वह भी कहने लगे की आप अब आराम कर ले, क्योकि रात भी अधिक हो चुकी है,

उसके बाद उन्होंने ने महमान के लिए सोने का इंतजाम कर लिया था, अब महात्मा ने कहा की आपका जीवन तो बहुत ही साधा है, आपके जीवन में कोई भी बनावट नहीं है, आज की जिंदगी में तो बहुत दिखावा हो गया है, सभी लोग अब दिखावे में जीते है, लेकिन मुझे तो यह जीवन बहुत अच्छा लगा था, आपका व्यवहार बहुत अच्छा है,

तभी मेहमान ने कहा की आप भी अब भोजन कर ले आपने अभी तक नहीं क्या है, वह आदमी नीचे गया और पूछा की कुछ खाने में है तभी जब उन्होंने ने खाने के बर्तन में देखा तो वह बर्तन सोने चांदी से भरे हुए थे, उन्होंने ने जितने भी बर्तन देखे उनमे यह सब था, वह यह सब देखकर सभी लोग हैरान थे, लेकिन वह समझ चुके थे की वह कोई साधारण इंसान नहीं है, बल्कि हमारी मुसीबत को दूर करने आये है,   

सभी लोग उनसे मिलने के लिए छत पर गए थे, पर जब वह वहा पर पहुंचे तो वहा पर कोई नहीं था, वह अब जा चुके थे, उन्हें बहुत बुरा लग रहा था, की मेहमान अब वहा पर नहीं थे बल्कि उनके जाने का रास्ता घर में से होकर जाता था, किसी ने भी उन्हें जाते हुए नहीं देखा था, लड़के ने कहा की वह महान महत्मा थे लेकिन पिताजी ने कहा की वह भगवान् ही थे, जो हमारी मदद करने आये थे,

सभी लोग बहुत खुश थे इस वजह से नहीं की उन्हें धन मिला था बल्कि वह जीवन में भगवान् से मिले थे उन्हें भोजन कराया था, वह इस बात से बहुत खुश थे, क्योकि इंसान जीवन भर कोशिश करने पर भी वह भगवान् से नहीं मिल पाता है, भगवान् भी उन्ही को दर्शन देते है जो उन्हें सच्चे मन से मानते है, वही लोग जीवन को सफल बना सकते है,

इसलिए अपने जीवन में कभी भी घमंड को अपने पास नहीं आने देना चाहिए, जो व्यक्ति घमंड करते है वह जीवन में कभी भी भगवान् को नहीं पा सकते है, हमे जीवन में मदद करनी चाहिए जितनी हो सके मदद करे क्योकि यह हमारे जीवन को सफल बना सकती है, हमे हमेशा दिखावे से दूर रहना चाहिए, यह हमे सही राह से दूर रखता है,

aasha karti hu kahani aap sabhi ko pasand aai hogi