ITR या इनकम टैक्स रिटर्न करते समय क्या सावधानी रखें

ज्यादातर टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने के लिए या अधिक टीडीएस प्राप्त करने के लिए फर्जी जानकारी दर्ज करके क्लेम करते हैं वो भी बिना किसी सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट के. इस तरह के फर्जी आपको फंसा सकता है |

ITR या इनकम टैक्स रिटर्न करते समय क्या सावधानी रखें
Income Tax Return

अगर आप नौकरीपेशा हैं और ज्यादा रिटर्न पाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से इनकम टैक्स रिटर्न भरते हुए अपनी आय छुपाते हैं, तो यकीन मानिए आप अपने लिए खुद मुसीबत खड़ी कर रहे हैं. आयकर विभाग ने कुछ दिनों पहले एक बयान जारी किया गया है कि, गलत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले नौकरीपेशा लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी. ऐसे में हम आपको उन गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप भूलकर भी ना करें, नहीं तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

  • अंतिम तारीख का इंतजार करना

ज्यादातर लोग इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने के लिए 31 अगस्त तक का इंतजार करेंगे. आखिरी समय में जल्दबाजी के चक्कर में गलतियां होने की गुंजाइश ज्यादा रहती है. इतना ही नहीं किसी तरह की गलती होने पर आपको उसे सुधारने का समय नहीं रहता. सरकार ने रिटर्न भरने की ऑइनलाइन फाइलिंग प्रक्रिया को आसान बनाया है, इसलिए आप किसी भी गलती से बचना चाहते हैं तो आखिरी तारीख का इंतजार न करें और पहले ही रिटर्न फाइल कर लें.

  • ई-फाइलिंग करते वक्त टीडीएस के आंकड़ों में अंतर 

अगर आप डीटेल्स पर ध्यान नहीं देते तो आपका रिटर्न फॉर्म रद्द हो सकता है. ये ध्यान रखें कि आपके 26 एएस फॉर्म में आपकी इनकम पर जो टीडीएस के आंकड़े दिए गए हैं वही आपने आईटीआर फॉर्म में भरे गए हों. 

  • रिटर्न के ऑनलाइन-वेरिफिकेशन में देरी

रिटर्न भरने के बाद इसका ई-वेरीफिकेशन बहुत जरूरी होता है. जब तक आपका रिटर्न वेरीफाइड नहीं हो जाता तब तक रिटर्न की प्रक्रिया अधूरी रहती है. टैक्सपेयर्स के पास रिटर्न को वैरीफाई करने के लिए दो तरीके होते हैं. पहला या तो इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद इसकी वेरिफिकेशन रसीद आप 120 दिनों के भीतर सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) बेंगलुरू को भेज दें. इसके अलावा अपने रिटर्न को ऑनलाइन वेरीफाई करने का आसान तरीका भी है, जिसे आप नेट बैंकिंग, डीमैट अकाउंट, आधार नंबर और बैंक अकाउंट डिटेल्स से कर सकते हैं.

  • रिटर्न भरने के लिए गलत फार्म सबमिट करना

इस साल आयकर विभाग ने आईटीआर फार्म में कई तरह के बदलाव किए हैं. आईटीआर फार्म भी अलग-अलग तरह के होते हैं, उसमें अपने फार्म को सिलेक्ट करना है. कारोबारियों के लिए अलग से फॉर्म होता है. बतौर टैक्सपेयर आपको फॉर्म में हुए बदलावों को ध्यान में रखते हुए ई-फाइलिंग करनी है. गतली होने पर आपका फॉर्म स्वीकार नहीं किया जाएगा और इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस भी भेज देगा.

  • सेंविग्स पर मिलने वाले ब्याज को जरूर दिखाएं

इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त सेविंग्स पर मिलने वाले ब्याज को जरूर दिखाएं. अगर आप अपनी इस इनकम को नहीं दिखाते हैं, तो इसे टैक्स चोरी के तौर पर देखा जाएगा और आपके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है.

  • HRA क्लेम के फर्जी बिल ना दिखाएं

ज्यादातर कर्मचारी टैक्स बचाने के लिए फर्जी हाउस रेंट अलाउंस (HRA) बिल क्लेम करते हैं वो भी बिना किसी सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट के. इस तरह के फर्जी क्लेम करने पर पकड़े जाने पर अब कर्मचारियों को आयकर विभाग की नई गाइडलाइन के तहत सजा भुगतनी पड़ सकती है.

  • ITR भरते वक्त छोड़ी गई संस्था से हुई कमाई का भी ब्यौरा दें

आयकर रिटर्न भरते वक्त ध्यान रखें कि यदि आपने साल भर के दौरान नौकरी छोड़ कर दूसरी नौकरी से जुड़े हैं तो रिटर्न भरते वक्त दोनों कंपनियों से हुई इनकम का रिटर्न फाइल करें वरना आपको दिक्कतों का सामना कर पड़ सकता है.

  • 80C के तहत फर्जी कटौती क्लेम ना करें

कर्मचारियों के लिए बहुत आसान होता है कि वो 80C के तहत आने वाली कटौती जैसे एलआईसी बिल और मेडिक्लेम. हालांकि इस के तहत होने वाली सभी पेमेंट कर्मचारी के 26AS से जुड़ी होती है जो आयकर विभाग के उपलब्ध होती है. ऐसे में आयकर विभाग इस तरह के फ्रॉड को आराम से पकड़ सकती है.

  • चैप्टर VI-A के तहत फर्जी डिडक्शन क्लेम ना करें

कुछ टैक्स प्रोफेशनल आयकर दाता को ज्यादा रिटर्न दिलावने का लालच दिखाकर उनसे कमीशन के रूप में रिटर्न का 10-25 तक फीसदी ले लेते हैं. दरअसल वो आपके द्वारा दिए गए आंकड़ो को फर्जी तरह से बदलकर ज्यादा रकम दिखाते हैं, जिससे आपको ज्यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि अब ऐसा करने पर आप फंस सकते हैं, क्योंकि आपके बैंक खाते, लोन अकाउंट, डीमैट अकाउंट आदि चीजें आधार और पैन कार्ड से जुड़े हुए हैं, ऐसे में आयकर विभाग को आप पर शक होने की स्थिति में पुरा डेटा खंगाल सकता है और पकड़े जाने पल आपको दंड भुगतना पड़ सकता है.

  • सेक्शन 10 के तहत फर्जी क्लेम ना करें

सेक्शन 10 के तहत HRA, LTA, मेडिकल रीइम्बर्समेंट आदि की सुविधा भी मिलती है, ऐसे में आप इसके तहत आने वाली सुविधाओं के लिए फर्जी क्लेम ना करें वरना आपको नुकसान हो सकता है.

  • Home Loan ब्याज को बढ़ाकर ना दिखाएं

ज्यादा रिटर्न की चाह आपके लिए दिक्कत पैदा कर सकती है. अक्सर ज्यादा रिटर्न पाने के चक्कर में लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त ज्यादा रिटर्न दिखाते हैं, ऐसा करते वक्त यदि आप आयकर विभाग की नजर में आ जाते हैं तो आपके खिलाफ आयकर विभाग कार्यवाही की जा सकती है.

  • इनकम टैक्स रिटर्न कैसे दाखिल करें ?

आप इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/home   पर लॉग इन करके अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं परन्तु यदि आपको इनकम टैक्स के विषय में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप कदापि ऐसा न करें क्योंकि गलत जानकारी दर्ज करने पर आपको रिक्टिफिकेशन  फाइल करना पड़ सकता है या इनकम टैक्स से नोटिस भी आ सकती है |

यदि आप एक इनकम टैक्स के बारे में ज्यादा नहीं जानते तो हम मामूली शुल्क में आपका इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर देंगे |
अधिक जानकारी के लिए हमें व्हाट्सऐप करें 7800020060 पर या यहाँ क्लिक करें