एक सच्च्ची कहानी
वह आदमी कहता है की ऐसी बात नहीं है जरूरत कभी भी पड़ सकती है इसके लिए हमे सोचना नहीं चाहिए आपको जरूरत थी मेने आपकी मदद कर दी, इसमें कोई भी माफ़ी वाली बात नहीं है आपको नहीं सोचना चाहिए मगर वह आदमी कहता है की मुझे तो सोचना ही पड़ता है क्योकि समय से मुझे वापिस कर देने चाहिए थे

एक सच्च्ची कहानी
पत्नी अपने पति से कहती है तभी में तुमसे हमेशा यही कहती हु की तुम्हे ऐसे ही पैसे नहीं देने चाहिए मगर तुम तो कभी भी सुनते नहीं हो, पति कहता है की कोई बात नहीं है उन्हें जरूरत थी तो वह आ गए थे जब उनके पास होंगे तो वह जरूर दे देंगे, मगर पत्नी फिर कहती है की उन्हें सोचना चाहिए, पत्नी कहता है की को बात नहीं है,
पत्नी फिर से एक बात कहती है की उन्होंने यहां पर आना ही बंद कर दिया है यह बात कहा तक सही है यह बता सकते हो, पति कहता है की वह शायद इसलिए नहीं आते होंगे क्योकि उन्हें यही लगता होगा की वह अगर यहां पर आयंगे तो उन्हें हमारे पैसे देने है इसलिए ऐसा सोचकर वह नहीं आते होंगे पत्नी कहती है की तुम्हे तो कोई बुराई की बात सुननी नहीं है, इसलिए तुमसे बात करना ही बेकार है, पति चला जाता है कुछ दिन बाद वह आदमी आता है पत्नी घर पर ही होती है वह आदमी कहता है की मुझे लगता है की आप लोग मुझसे नाराज होंगे,
में भाई साहब से मिलने आया हु, मगर पत्नी कहती है की वह अभी तक आये नहीं है जब आ जायँगे तो आप बात कर सकते है वह आदमी जाने वाला ही था की वह भी आ जाता है वह कहता है की आप बहुत दिनों बाद नज़र आये हो, कही बाहर गए थे, वह आदमी कहता है की पहले तो आप मुझे माफ़ करिये क्योकि मुझे बहुत जरूरत थी इसलिए मेने पैसे लिए थे और में उन्हें दे नहीं पाया था इसलिए आपको बुरा लग रहा होगा
वह आदमी कहता है की ऐसी बात नहीं है जरूरत कभी भी पड़ सकती है इसके लिए हमे सोचना नहीं चाहिए आपको जरूरत थी मेने आपकी मदद कर दी, इसमें कोई भी माफ़ी वाली बात नहीं है आपको नहीं सोचना चाहिए मगर वह आदमी कहता है की मुझे तो सोचना ही पड़ता है क्योकि समय से मुझे वापिस कर देने चाहिए थे मगर ऐसा नहीं हो पाया था मुझे लगता है की गलती मेरी थी तभी वह आदमी कहता है आप चिंता न करे जब आपके पास होंगे तब आप मुझे दे देना , यह सब कुछ तो चलता ही रहता है आप खड़े क्यों है बैठ जाये,
वह कुछ देर तक बातें करते है तब वह आदमी कहता है, की मुझे शायद आपके कल तक सभी पैसे मिल जायँगे और में आपके कल तक पैसे दे देता हु, जब यह बात पत्नी ने सुनी तो वह भी चुप थी क्योकि उसे तो यही लग रहा था की शायद वह उनका पैसा नहीं देने वाला है, मगर ऐसा नहीं है वह कल तक उनका सारा पैसा दे देगा, वह आदमी कहता है की आप बहुत अच्छे है क्योकि आपने मेरी बहुत मदद की थी, जिसके बाद आपने कभी भी मुझसे पैसा नहीं माँगा था,
इस कहानी से सिख की हमें बिना कुछ सोचे समझे कुछ भी नही बोलना चाहिए जरुरी नही है जैसा हम सोच रहे है वैसा ही सही हो गलत भी हो सकता है इसलिए बहुत्सोच समझ कर कहना सुनना चाहिए
आशा करती हु कहानी पसंद आई होगी आप सभी को