एक कहानी छोटा रास्ते की 

हमला न कर दे, अभी रात हो चुकी थी, वह दोनों साथ में घर जा रहे थे, अभी गाव काफी दूर था इसलिए दोनों बात करते हुए गाव की और जा रहे थे, किसी को इस बात पर यकीन नहीं था की इस छोटे से रास्ते पर इतनी मुसीबत आ सकती है यहां पर शेर कैसे आया होगा यह बात कुछ भी समझ नहीं आती है मगर आ भी सकता है

एक कहानी छोटा रास्ते की 
ek kahani chhote raste ki

एक कहानी छोटा रास्ते की 

आपने घर जब वह वापिस आ रहा था, तभी उसे लगा था की घर पहुंचने में छोटा रास्ता लेना चाहिए, इसलिए वह छोटे रास्ते से घर की और जाने लगा था उसे यह नहीं पता था की वह रास्ता कितना छोटा है क्योकि वह कभी उस रास्ते से घर नहीं गया था पहली बार उसने वह रास्ता लिया था किसी ने बताया था की वह रास्ता बहुत छोटा है मगर उसने साथ में यह बता भी बताई थी की वह बहुत मुश्किल रास्ता है, घर जाने की जल्दी में मुसीबत का सामना किया जा सकता है इसलिए वह घर की और चल रहा था,

कहने को तो बहुत छोटा रास्ता है मगर कोई नज़र नहीं आ रहा है यहां से कोई जाता क्यों नहीं है या में ही पहली बार यहां से जा रहा हु इसलिए कोई नज़र नहीं आ रहा है वह अपने आप से बात करता हुआ अपने घर की और जा रहा था उसे जाते हुए शाम भी हो गयी थी, अगर वह जल्दी नहीं जाएगा तो रात भी हो जायेगी, इस तरह तो उसे बहुत देर हो जायेगी, वह जल्दी ही अपने कदम गांव की और बढ़ा रहा था, मगर उसे कुछ आवाज आती है, वह कौन बोल रहा है, यहां पर कोई और भी है यह बता पता नहीं थी,

वह रुक गया था और आवाज कहा से आ रही थी यह सोच रहा था, उसे कोई नज़र नहीं आ रहा था यह आवाज कहा से आयी है मुझे देखना चाहिए मगर दूसरा ख्याल भी उसे यह आ रहा था की आवाज से क्या होगा उसे तो घर समय पर पहुंचना है इसलिए वह आगे बढ़ने लगा था, उसे तो यही लग रहा था की अगर वह आवाज का पता करता है तो उसे देरी भी हो सकती है इसलिए वह अपने घर की और जाने लगा था,

उसे आवाज आती है फिर वह रुक जाता है उसे पता करना था की यह आवाज क्यों आ रही है इसलिए वह रुक कर देखने लगा था उसे कोई नज़र तो नहीं आ रहा था मगर वह देख जरूर रहा था, की कौन है, तभी उसे कुछ नज़र आता है एक आदमी पेड़ पर बैठा है वह यही सोच रहा था की पेड़ पर वह कौन है वह आवाज क्यों कर रहा है तभी वह आदमी कहता है की तुम पेड़ पर क्या कर रहे हो वह निचे देखता है और कहता है की तुम कौन हो वह आदमी कहता है की में घर जा रहा था 

तभी मेने एक आवाज सुनी थी, उसके बाद में यहां पर देखने लगा था पेड़ से नीचे उतरा आदमी कहने लगा की वह आवाज तो में ही लगा रहा था उसके बाद वह आदमी उसी के साथ आगे बढ़ने लगा था, घर जा रहा आदमी कहने लगा की तुम पेड़ पर क्या कर रहे थे, वह कहने लगा की में भी इसी रास्ते से घर जा रहा था में सुबह के समय में यहां से जा रहा था मगर मेने कोई आवाज सुनी थी उसे देखने के लिए जैसे ही रुका तो मुझे शेर आता हुआ नज़र आया था,

उसी के डर से में पेड़ पर चढ़ गया था, शेर ने मुझे देखा नहीं था में पेड़ पर ही बैठा रहा था सुबह से शाम हो गयी थी में इंतज़ार कर रहा था कोई यहां पर आये तो में उसी के सतह में यहां से निकल पाऊ, जब शमा हुई तो तुम यहां से जा रहे थे मेने आवाज लगायी थी जिसके कारण तुम यहां पर आ गए थे, अब पूरी बता समझ  आ गयी थी मगर यहां पर शेर है यह बात भी डराने की है, इसलिए यहां से जल्दी ही निकल जाना चाहिए कही शेर हम पर हमला न कर दे,

अभी रात हो चुकी थी, वह दोनों साथ में घर जा रहे थे, अभी गाव काफी दूर था इसलिए दोनों बात करते हुए गाव की और जा रहे थे, किसी को इस बात पर यकीन नहीं था की इस छोटे से रास्ते पर इतनी मुसीबत आ सकती है यहां पर शेर कैसे आया होगा यह बात कुछ भी समझ नहीं आती है मगर आ भी सकता है क्योकि यहां पर कुछ ही दुरी पर जंगल भी है, वह वहा से आ सकता है हमे कोई भी परेशानी नहीं हुई है, यह बात बहुत अच्छी है,

वह गांव के कुछ ही दुरी तक आ गए थे, अब गांव ज्यादा दूर नहीं था उन्हें अजा हर मुश्किल से दूर रहने में ही अच्छा लग रहा था अगर शेर उन्हें देख लेता तो शायद हमारा बचना मुश्किल हो जाता, दोनों को यह बात सही लग रही थी इस तरह गांव में पहुंच गए थे, वह गांव में गए और अपने-अपने घर पहुंच गए थे, जब सुबह हुई तो वह दोनों आदमी साथ में मिले थे और सभी लोगो को यह बात बता दी थी की छोटे रास्ते पर शेर को देखा गया है,

यह बात सुनकर सभी डरने लगे थे क्योकि वह शेर गांव में भी आ सकता है, उन्हें जल्दी ही कुछ करना होगा, सभी ने बात को समझा और शेर को पकड़ने के लिए कुछ उपाए भी करे, उन्होंने उसे भी बुला लिया था जो शेर को पकड़ सकता था, अपनी योजना की वजह से उन्होंने शेर को पकड़ लिया था, इस तरह उनकी वजह से सभी गांव वाले शेर के हमले से बच गए थे अगर वह यह अपर आकर यह सब न बताते तो शेर को नहीं पकड़ा जा सकता था, इस तरह उनकी वजह से मुसीबत दूर हो गयी थी 

उम्मीद करती हु कहानी पसंद आई होगी आप सभी को धन्यवाद