ITR या इनकम टैक्स रिटर्न क्या है, पूरा जानिए !

आपकी आमदनी पर केंद्र सरकार कर वसूलती है, इसे ही आयकर या इनकम टैक्स (Income Tax) कहते हैं जबकि साल में एक बार आपको एक आईटीआर (ITR) फॉर्म में सरकार को आमदनी, खर्च, निवेश और टैक्स देनदारी के बारे में ब्यौरा देना होता है इसे आयकर रिटर्न (ITR) कहते हैं |

ITR या इनकम टैक्स रिटर्न क्या है, पूरा जानिए !
Income Tax Return

इनकम टैक्स रिटर्न जल्दबाजी में फाइल करने में गलती होने की संभावना होती है। इससे अच्छा है कि आप जल्द ही ITR फाइल कर लें। अगर आप ऑनलाइन आईटीआर फाइल कर रहे हैं तो हम आपको इसका आसान तरीका बता रहे है।

  • इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन फाइल करने के लिए सबसे पहले आयकर विभाग की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
  • ई-फाइलिंग के लिए सबसे पहले आपको इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर अकाउंट बनाना होगा। इसमें अकाउंट बनाने के लिए पैन नंबर और डेट ऑफ बर्थ (जन्मदिवस) जैसी पर्सनल डीटेल डालनी होगी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस लिंक पर क्लिक करके अकाउंट बनाएं। आपका पैन नंबर (PAN) आपका यूजर आईडी होगा।
  • आईडी बनने के बाद लॉग इन करें।
  • आईटीआर फॉर्म नाम, आकलन वर्ष और सबमिशन मोड का चयन करें। (ऑनलाइन तैयार करें और जमा करें)
  • विवरण भरकर ‘सबमिट करें’ बटन पर क्लिक करें।

आपकी आईटीआर सफलतापूर्वक जमा कर दी गई है और ITR-V उत्पन्न किया जाएगा। लिंक पर क्लिक करें और इसे डाउनलोड करें क्योंकि यह एक पावती के रूप में कार्य करता है। ITR-V को आपके रजिस्टर्ड ईमेल पर भी भेजा जाता है।

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अब रिटर्न फाइल करते समय अपने पास ये दस्तावेज रख लें

पैन नंबर, फॉर्म 16, आपके खातों पर मिला संबंधित वित्तीय वर्ष का कुल ब्याज, टीडीएस (TDS) संबंधी डीटेल और सभी तरह के निवेशों संबंधी सबूत।  होमलोन और इंश्योरेंस संबंधी डॉक्युमेंट्स भी अपने पास रखें।  इनकम टैक्स की साइट से फॉर्म 26AS भी डाउनलोड कर सकते हैं जो आपकी टैक्स स्टेटमेंट शो करता है जो आपके द्वारा दिया जा चुका है। अपना टैक्स रिटर्न वैलिडेट करने के लिए आप इस फॉर्म का सहारा ले सकते हैं।

फॉर्म चुनते हुए ध्यान दें

फॉर्म चुनते समय यह सावधानी बरतें कि आपको जो फॉर्म चुनना  है, वह आपकी कुल आय के मुताबिक हो. इन्डिविजुअल (सैलरी), पेंशन इनकम, एक मकान से इनकम या अन्य आयस्रोतों से इनकम (लॉटरी के अतिरिक्त) के केस में फॉर्म ITR-1, जिसे 'सहज' भी कहा जाता है, सेलेक्ट करना होगा। 
जिनकी इनकम सालाना 50 लाख रुपये तक है, वह सहज फॉर्म उठाएं। ITR- 2 से वे सैलरी वाले अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख से ज्यादा है। पूंजीगत लाभ होने की दिशा में ITR-2 सेलेक्ट करना होगा। टैक्स विभाग ने फॉर्म्स की संख्या अबकी बार घटा दी है। ITR-2, ITR-2A और ITR-3 एक ही फॉर्म में मर्ज कर दिए हैं। ITR-4, ITR-4S को ITR-3 और ITR-4 (सुगम) का नाम दे दिया गया है। ITR फॉर्म 5 से लेकर 7 तक नॉन-इंडिविजुअल के लिए हैं।

यहाँ पढ़िए : ITR या इनकम टैक्स रिटर्न करते समय क्या सावधानी रखें |

खुद से ITR फाइल करने के बजाय अपने CA से सम्पर्क करें 

ITR स्वयं से भी फाइल किया जा सकता है परन्तु हम आपको किसी अच्छे CA से सम्पर्क करने की सलाह देंगे क्योंकि :-

  • यदि आप ITR फाईलिंग में गलतियाँ करते हैं तो आपको रिक्टीफिकेशन भरना पड़ सकता है अन्यथा आपके यहाँ आयकर विभाग से नोटिस आ सकती है |
  • यदि किसी कारणवश आपको रिवाइज रिटर्न भरना पड़े तो आपसे वहां भी गलतियाँ हो सकती हैं |
  • ITR कॉपी का उपयोग कई जगह अपनी आमदनी दिखाने के लिए किया जाता है, कहीं-कहीं आपसे ITR कॉपी पर CA की सील व हस्ताक्षर भी माँगा जाता है, यदि आप खुद से ITR फाइल किये हैं तो आपको काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है |